दुनिया को आयुर्वेद की राह हमारे देश भारत ने ही दिखाई है व कई प्रकार की प्राकृतिक औषधियों से अवगत कराया है। उन्हीं गुणकारी औषधियों में से एक है अर्जुन की छाल जिसको एक अमूल्य औषधि के रूप में स्थान प्राप्त है। आदिकाल से ही अर्जुन की छाल को विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज की औषधि बनाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। आज की मॉडर्न चिकित्सा पद्धति ने भी इसके सिद्ध स्वास्थ्यवर्धक गुणों को पहचाना व इसको महत्ता दी है। अर्जुन वृक्ष भारतीय उपमहाद्वीप में हर मौसम में पाया जाता है और इसकी छाल से कई प्रकार की दवाओं का निर्माण किया जाता है। इसमें अत्यधिक मात्रा में बायोएक्टिव तत्व जैसे टैनिन्स, सैपोनिन्स, फ्लेवोनॉइड्स व ग्लाइकोसाइड्स आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो शक्तिशाली औषधीय गुणों से युक्त होते हैं।
उच्च रक्तचाप , हृदय रोग व खून की कमी जैसी घातक जानलेवा बिमारियों से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए अर्जुन की छाल एक अमृततुल्य औषधि है। इसका सेवन न केवल हमारे शरीर में रक्त के प्रवाह को सुधरता है बल्कि हृदय की मांसपेशियों को भी मजबूती देता है। साथ ही इसमें मौजूद बायोएक्टिव तत्त्व शरीर में नई ऊर्जा लाते हैं तथा आपकी त्वचा की देखभाल भी करते हैं। अपने आज के इस “अर्जुन की छाल: आयुर्वेदिक विश्लेषण, सेवन विधि, फायदे और नुकसान (सम्पूर्ण गाइड हिंदी में)” ब्लॉग के जरिये हम आपको इसके आयुर्वेदिक महत्व, सेवन विधि व इसके लाभ व हानि आदि से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी दे रहे हैं। यदि आप भी इस गुणकारी औषधि के बारे में जानकारी खोज रहे हैं तो इस पेज पर दी गई जानकारी अंत तक अवश्य पढ़ें।
Contents
आयुर्वेदिक विश्लेषण: अर्जुन की छाल के गुण
Ayurvedic Analysis: Properties of Arjun Bark ⇒ आयुर्वेद में “दिल का रक्षक” की उपाधि प्राप्त अर्जुन की छाल कई प्रकार की जीवनवर्धक औषधीय गुणों से युक्त होती है। इसका प्रयोग कई प्रकार की बिमारियों की दवाई बनाने के लिए भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। इसमें मौजूद तत्त्व भविष्य में होने वाले ह्रदय से सम्बंधित रोगों की रोकथाम में भी सहायक होते हैं। आइये आपको इस भाग में अर्जुन की छाल में पाए जाने वाले तत्वों व आयुर्वेद में इसके महत्व के बारे में पूरी जानकारी बताते हैं।
औषधीय तत्त्व: अर्जुन की छाल में मौजूद पोषण
Medicinal Elements: Nutrition Present in Arjuna Bark ⇒ इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन-A व अन्य कई पोषण युक्त तत्वों की भरमार होती है जो कई प्रकार के लोगों से लड़ने में हमारी मदद करता है साथ ही संभावित बिमारियों के खतरों को भी कम करता है। साथ ही साथ एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जो हमारी त्वचा को निखरता है तथा हमारे रक्त को शुद्ध करने में सहायक होता है।
नीचे दी गई टेबल के जरिये आप इसके मौजूद प्रमुख पोषक व औषधीय तत्वों की पूरी जानकारी देख सकते हैं:
पोषक तत्व | मात्रा (प्रति 100 ग्राम) |
विटामिन-A | 2.5 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 120 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 80 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 600 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 90 मिलीग्राम |
टैनिन | 10 ग्राम |
अर्जुनीन | 0.5 ग्राम |
सिरासिडिन | 0.2 ग्राम |
फ्राईडेलिन | 0.3 ग्राम |
गैलिक अम्ल | 1.5 ग्राम |
इलेजिक अम्ल | 1.2 ग्राम |
अर्जुनोलिक अम्ल | 0.6 ग्राम |
ग्लूकोसाइड | 0.8 ग्राम |
फ्लेवोनोइड्स | 2.3 ग्राम |
सैपोनिन्स | 1.1 ग्राम |
ट्राइटरपेनोइड्स | 0.4 ग्राम |
बीटा-सिटोस्टेरॉल | 0.2 ग्राम |
ऊपर दी गई टेबल में दी गई जानकारी विभिन्न आधिकारिक व इंटरनेट स्रोतों के माध्यम से प्राप्त की गई है जिसमें मात्राओं का थोड़ा-बहुत फर्क हो सकता है। विभिन्न औषधियों के निर्माण और इसके सेवन की विधि के लिए प्रयोग होने वाली मात्राएँ अलग हो सकती हैं।
सेवन विधि: अर्जुन की छाल का कैसे करें उपयोग
Method of Consumption: How to Use Arjuna Bark ⇒ आयुर्वेद में अमृततुल्य औषधि के रूप में पहचान रखने वाले अर्जुन की छाल का सेवन बहुत भी आसान तथा प्रभावी होता है। इसका प्रयोग कई प्रकार की घातक बिमारियों से बचाव व उपचार के लिए किया जाता है। नीचे हम आपको इसके प्रयोग व सेवन की प्रक्रिया संक्षिप्त में प्रदान कर रहे हैं।
चाय के रूप में अर्जुन की छाल का सेवन
अर्जुन की छाल का सेवन चाय के रूप में सबसे सरल व आसान होता है। इससे चाय बनाने की विधि बहुत ही सरल है जिसके लिए आप नीचे बताये गए चरणों का पालन कर सकते हैं।
आवश्यक सामग्री:
- एक या दो सामान्य चम्मच अर्जुन की छाल से तैयार पाउडर (चूर्ण) तथा एक गिलास (लगभग 250 मिलीलीटर) स्वच्छ पानी
चाय बनाने की प्रक्रिया:
- सबसे पहले एक बर्तन में बताई गई मात्रा में पानी ले लें व इसे हल्की आंच पर रख दें।
- अब इसे 10-15 मिनट तक कम फ्लेम पर ही अच्छी तरह उबाल लें।
- अंत में गर्म चाय को अच्छे से छान कर निकल लें और इसका आनंद लें।
- इस प्रकार आप चाय बनाकर दिन में दो-तीन बार इसका सेवन कर सकते हैं और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
अन्य सेवन विधियाँ
- दूध/गर्म पानी व शहद के साथ: आप अर्जुन की छाल के पाउडर को दूध या गुनगुने पानी के साथ मिलकर भी पी सकते हैं। साथ ही आप इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें शहद डाल सकते हैं।
- काढ़ा बनाकर: एक गिलास पानी में 2-4 ग्राम अर्जुन की छाल डालकर इसका काढ़ा भी बना सकते हैं। आपको काढ़े को तब तक उबालना होगा जबतक पानी आधा न हो जाये।
ध्यान रहे अर्जुन की छाल से बने काढ़े का सेवन केवल शाम के समय ही करें। यदि आप दूध या गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन करना चाहते हैं तो सोने से पहले पी लें। इन सभी विधियों से अर्जुन की छाल का सेवन कर आप कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त कर सकते हैं।
अर्जुन की छाल के फायदे, नुकसान और सावधानियां
Benefits, side effects and precautions of Arjun bark ⇒ जानलेवा बीमारियां जैसे ह्रदय सम्बन्धी रोग, क्षय रोग आदि के उपचार व बचाव के लिए अर्जुन की छाल एक रामबाण औषधि है। इसके साथ-साथ यह सामान्य बिमारियों जैसे बुखार, कान दर्द, किसी शारीरिक अंग में सूजन आदि से भी राहत देने में सहायक होता है। इसमें मौजूद तत्त्व शरीर में उच्च ऊर्जा का संचार करते हैं और थकान को कम करते हैं।
इसमें मौजूद ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, इलेजिक एसिड, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड व बीटा-सिटोस्टिरोल जैसे कई प्रकार के पोषक तत्त्व प्रचूर मात्रा में होते हैं जो कई प्रकार की जानलेवा बिमारियों की रोकथाम हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अर्जुन की छाल का नियमित सेवन हमारे शरीर को मजबूती देता है और मांसपेशियों को बल प्राप्त होता है। साथ ही इसका सही मात्रा में सेवन हमारे हृदय को पर्याप्त पोषण भी प्रदान करता है।
इसके सेवन से संभावित नुकसान
Potential Harm from Consumption of Arujuna Bark ⇒ जैसाकि हमने ऊपर बताया, अर्जुन की छाल हमारे स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कितनी उपयोगी है लेकिन इसके सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। अगर आप इसे ज्यादा मात्रा में ग्रहण करते हैं तो आपको कई प्रकार की दिक्कतें आ सकती हैं। ज्यादा अर्जुन की छाल का सेवन पेट में एसिडिटी और तेज जलन उत्पन्न कर सकता है।
साथ ही जो लोग डाइबटीज (मधुमेह) से ग्रसित हैं या जिन्हें उच्च रक्तचाप से सम्बंधित समस्या है उनके लिए यह नुकसान कर सकती है। ऐसे व्यक्तियों को इसका सेवन करने से पहले अवश्य ही डॉक्टर से राय लेनी चाहिए। अगर आपका किसी और बीमारी का इलाज चल रहा है या किसी घातक रोग से लम्बे समय से ग्रसित हैं तो उसके इलाज के लिए प्रयोग हो रही दवाओं के साथ यह रिएक्शन कर सकता है।
सेवन से पहले आवश्यक सावधानियां
Necessary precautions before consumption ⇒ अर्जुन की छाल को अवश्य ही अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए। इसके औषधीय गुण हर मौसम में बिमारियों से हमारी रक्षा करते हैं। लेकिन इसके सेवन से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना होगा। अर्जुन की छाल का सेवन करने से पहले आपको निम्नलिखित सावधानियां बरतनी होंगी:
- अगर किसी व्यक्ति को एलर्जी की शिकायत है तो इसका सेवन बिलकुल न करें। यह आपके शरीर में एलर्जी को अधिक बढ़ा सकता है।
- जो महिलाऐं गर्भावस्था में हैं उनको इसके सेवन से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। साथ ही स्तनपान काल के दौरान इसके सेवन से अवश्य परहेज करें।
- जिस व्यक्ति की लम्बी बीमारी के कारण इलाज चल रहा है या दवायां चल रही हैं उन्हें भी इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
हालांकि अर्जुन की छाल हमारे समग्र स्वास्थ्य की देखभाल करती है लेकिन ज्यादा मात्रा में इसको लेने से कई प्रकारी की परेशानियां भी आ सकती हैं। अगर आप ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखते हैं तो इसका सेवन दैनिक जीवन में करना लाभदायक अवश्य होता है।
अंत में
दिल की बिमारियों की रामबाण औषधि अर्जुन की छाल के अनेक स्वास्थ्य फायदे हैं। हजारों सालों से आयुर्वेद के साथ-साथ मॉर्डन चिकित्सा विज्ञान में भी इसके प्रयोग से कई बिमारियों का उपचार किया जाता है। लेकिन इसके सेवन से पहले कुछ बाते अवश्य ध्यान रखनी चाहिए कि अधिक मात्रा में इसका सेवन न करें। ज्यादा मात्रा में इसे लेने से नुकसान भी हो सकता है। जिन व्यक्तियों की किसी लम्बी बीमारी की वजह से दवाइयां चल रही हैं वे इसको अपने आहार में शामिल करने से पहले चिकित्सक की राय जरूर ले लें।
अर्जुन की छाल से सम्बंधित सामान्य प्रश्न-उत्तर (FAQs)
छाल का सेवन कैसे करते हैं?
इसका सेवन बहुत आसान है। आप इसका काढ़ा या चूर्ण बनाकर सेवन कर सकते हैं। साथ ही आप शहद या दूध के साथ भी इसे पी सकते हैं।
क्या अर्जुन की छाल से कोई नुकसान हो सकता है?
बिलकुल, अगर आप इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करते हैं तो यह पेट से सम्बंधित समस्या सामने आ सकती है। ज्यादा सेवन से आप एसिडिटी या जलन जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
अर्जुन की छाल का सेवन क्या सभी के लिए सुरक्षित है?
हाँ, इसका सेवन सभी आयु वर्ग के व्यक्ति कर सकते हैं। लेकिन स्तनपान या गर्भावस्था वाली महिलाओं व एलर्जी से पीड़ित लोगों को इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
क्या इसके सेवन से पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए?
इसको अपने आहार में शामिल करने से पहले इसकी उचित खुराक का निर्धारण अवश्य कर लें। साथ ही अन्य दवाओं के साथ संयोजन की जानकारी के लिए चिकित्सक की राय जरूर लें।
इसका सेवन करने के लिए कितनी मात्रा सही है?
हर आयु वर्ग व स्वास्थ्य परिस्तिथियों के हिसाब से इसका सेवन करना चाहिए। हालांकि सामान्य उपयोग की मात्रा हमने ऊपर संक्षिप्त में बताई हुई है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह भी ले सकते हैं।